अंगुरसाव के फायदे ,कमजोर और दुबले पतले लोगो के लिए अंगुरसाव बहुत उत्तम औषधि है ,जिन व्यक्तिओ के गाल चिपके हुए ,आँखों के चरों और कला घेरा बन गया हो , चेहरा मुरझाया हुआ , चलने फिरने में कमजोरी महसूस होती हो ,उनको इसका सेवन जरूर करना चाहिए.
कुछ महीनो तक लगातार इसका सेवन करने से शरीर में बल वृद्धि होने लगती है , बजन बढ़ने लगता है .इसके सेवन से भोजन पचाने की शक्ति में वृद्धि होती होती है . भोजन जल्दी से पचने लगता है और भूख खुल कर लगती है .
किसी लम्बी बीमारी के के बाद अगर शरीर में लाल रक्त कानो की कमी हो गयी है तो . अंगूर आसव शरीर में खून में लाल रक्त कानो की वृद्धि करता है .
दिल और फेफड़ों की कमजोरी को दूर कर के हृदय स्वस्थ बना देता है .
दिमागी निर्बलता के लिए भी अंगुरसाव रामवाण औषधि है .अंगुरसाव के सेवन से आमरण शक्ति बढ़ जाती है . जिन विद्यार्थीओ को पड़ा लिखा याद नहीं रहता उनको कुछ महिओं तक इसका सेवन करना चाइये
इसमें गर्म तासीर की औषधियां मिलायी गयी है इसलिए इसका सेवन अगर सर्दिओं में किया जाये तो स्वास्थ्य में बहुत ज्यादा लाभ मिलता है
अंगुरसाव कैसे बनाते है
प्रत्येक औषधि 10-10 ग्राम
पानी 12 लीटर
इन सब सामग्रीओ को साफ़ वर्तन में दाल कर 40 दिन तक सन्धान करें .द्रव्य त्यार हो जाने के बाद साफ़ शीशी में दाल कर प्रयोग के लिए रख लें
जरुरी सूचना :-
किसी भी प्रकार की औषधि का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए
कुछ महीनो तक लगातार इसका सेवन करने से शरीर में बल वृद्धि होने लगती है , बजन बढ़ने लगता है .इसके सेवन से भोजन पचाने की शक्ति में वृद्धि होती होती है . भोजन जल्दी से पचने लगता है और भूख खुल कर लगती है .
किसी लम्बी बीमारी के के बाद अगर शरीर में लाल रक्त कानो की कमी हो गयी है तो . अंगूर आसव शरीर में खून में लाल रक्त कानो की वृद्धि करता है .
दिल और फेफड़ों की कमजोरी को दूर कर के हृदय स्वस्थ बना देता है .
दिमागी निर्बलता के लिए भी अंगुरसाव रामवाण औषधि है .अंगुरसाव के सेवन से आमरण शक्ति बढ़ जाती है . जिन विद्यार्थीओ को पड़ा लिखा याद नहीं रहता उनको कुछ महिओं तक इसका सेवन करना चाइये
इसमें गर्म तासीर की औषधियां मिलायी गयी है इसलिए इसका सेवन अगर सर्दिओं में किया जाये तो स्वास्थ्य में बहुत ज्यादा लाभ मिलता है
अंगुरसाव कैसे बनाते है
- जावित्री
- नागकेशर
- अकरकरा
- सोंठ
- कलिमिरचि
- लोंग
- जायफल
- मुल्थी
- असगंध
- उटगन के बीज
- तेजपात
- कंकोल
- शीतल चीनी
- पीपल
- रेणुका
- सफ़ेद इलाची
- दालचीनी
- शतावर
- सफ़ेद मूसली
प्रत्येक औषधि 10-10 ग्राम
- बबूल की छाल 25 ग्राम
- कचनार की छाल 25 ग्राम
- छुहारा 200 ग्राम
- सुपारी 200 ग्राम
- पिस्ता 125 ग्राम
- चिरंजी 200 ग्राम
- बादाम गिरी 250 ग्राम
- अंगूर काले 2 किलो
- नष्पतो 500 ग्राम
- सेव 1 किलो
- अनार 1 किलो
- शहद 1 किलो
- केसर 5 ग्राम
- कस्तूरी 1.5 माशा धय के फूल २०० ग्राम
- चीनी 2.200 किलो
पानी 12 लीटर
इन सब सामग्रीओ को साफ़ वर्तन में दाल कर 40 दिन तक सन्धान करें .द्रव्य त्यार हो जाने के बाद साफ़ शीशी में दाल कर प्रयोग के लिए रख लें
जरुरी सूचना :-
किसी भी प्रकार की औषधि का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए
Post a Comment