arjunarisht ke fayede hindi me अर्जुनारिष्ट के फायदे हिंदी में
आज बहुत सी कंपनियां जैसे की पतंजलि आदि आयुर्वेदिक मेडिसिन बनाती है लेकिन कुछ वर्ष पहले गिनी चुनी कमपनीय ही आयुर्वेद में रूचि लेती थी आज हम आपको अर्जुनारिष्ट कैसे बनाते है इसकी सम्पूर्ण विधि बताने जा रहे और अर्जुनारिष्ट के क्या क्या फायदे होते है इसकी भी जानकारी दी जाएगी .
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arjunarishta लाभ |
- अर्जुन छाल ६ किलो
- मुन्नका ३ किलो
- मधुप पुष्प १ किलो २०० ग्राम
- पानी ६२ किलो
इन सभी ओषधिओं को किसी बड़े वर्तन में उबाल कर क्वाथ बनाये जब 15 किलो पानी शेष रह जाये तो , पीतल के कलई दार वर्तन में डाल कर वर्तन का मुँह बंद कर दें फिर एक महीना के लिए के लिए ऐसी जगह पर रखें जहा धुप , शीतल हवा , गर्मी लू , धुल मिटटी , कीड़े मकोड़े , मछर आदि प्रवेश न कर सके ,
अधिक गर्मीसे , आसव या ारिश बनाने वाले कीटाणु मर जाते है और अधिक ठंडी जघा पर रखने से खमीर नहीं उठता . वर्तन को जामें से २ - ३ फुट ऊपर किसी स्टैंड पर रखना चाहिए ताकि जामे से कोई कीड़ा मकोड़ा उसमे प्रवेश न कर सके , साफ़ सफाई का पूरा ध्यान रखे
अर्जुनारिष्ट के फायदे
1 ) - दिल की धड़कन अधिक होने पर
2 ) - नींद कम आना
3 ) - पेट में वायु अधिक होने पर ब्लड प्रेसर अधिक हो जाये
4 ) - अर्जुनारिष्ट हृदये के लिए अद्भुत ओषधि है , पेट की और शरीर की कुपित वायु को शांत कर के हृदय को बल देता है जिस से घबराहट , बेचैनी जैसी व्याधियां ठीक हो जाती है
5 ) - रक्त चाप की अधिकता के कारन पसीना ज्यादा ात हो तो अर्जुनारिष्ट का सेवन करना चाहिए .
अर्जुनारिष्ट
- हृदय की कमजोरी दूर करता है ,
- दिल की ढकन को नियंत्रित करता है
- फेफड़ों को बल देता है
- दिल की हर प्रकार की बीमारी me labhkari
- हैरत फेल होने से बचाता है
मात्रा और सेवा विधि 15 से 20 ml बराबर मात्रा में पानी मिला कर सभा और शाम भोजन के बाद पीना चाहिए . बच्चो और गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन न करवाएं .अगर जरुरी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें
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