कर्कटी बीज चूर्ण कर्कटी बीज चूर्ण का सेवन गर्मिओ के दिनों में बहुत लाभदायक रहता है , इसके सेवन से पेशाव खुल कर आता है.कबज को ठीक करने में कर्कटी बीज के चूर्ण का कोई मुकाबला नहीं .इसके सेवन से गला सुखना व्याकुलता आदि उपद्रव ठीक हो जाते है .बड़े बजुर्गों में अक्सर ये शिकायत रहती है की पेशाव रुक रुक कर बूँद बूँद कर आता है .पेशाव से जुडी हुयी इस प्रकार की समस्या बच्चों और महिलाओं में भी देखने को मिलती है .इस तरह की परेशानी अगर देखने को मिले तो कर्कटी बीज का चूर्ण शीघ्र लाभकारी सिद्ध होता है
करकट्टी बीज चूर्ण कैसे बनाते है इसमें कोण कोण से सामग्री मिलायी जाती है इन सब की जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी .इसके लाभ क्या है और कोण कोण उसका सेवन कर सकता है ये सब जाने के लिए स्क्रॉल करें
कर्कटी बीज चूर्ण कैसे बनाते है :-
कर्कटी के बीज 50 ग्राम
त्रिफला 50 ग्राम
सेंधा नमक 50 ग्राम
इन सब चीजों को समान भाग लेकर बारीक पीस कर चूर्ण बना लें .
सेवन विधि :-
तीन माशा की मात्रा सभा शाम जल के साथ सेवन करें .
लाभ और उपयोग
करकट्टी बीज चूर्ण कैसे बनाते है इसमें कोण कोण से सामग्री मिलायी जाती है इन सब की जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी .इसके लाभ क्या है और कोण कोण उसका सेवन कर सकता है ये सब जाने के लिए स्क्रॉल करें
कर्कटी बीज चूर्ण कैसे बनाते है :-
कर्कटी के बीज 50 ग्राम
त्रिफला 50 ग्राम
सेंधा नमक 50 ग्राम
इन सब चीजों को समान भाग लेकर बारीक पीस कर चूर्ण बना लें .
सेवन विधि :-
तीन माशा की मात्रा सभा शाम जल के साथ सेवन करें .
लाभ और उपयोग
- इस चूर्ण का सेवन गर्मिओ के दिनों में किया जाये तो चित को शांति प्रदान करता है
- गर्मिओ में अक्सर पित की वृद्धि हो जाने से पेशाव रुक रुक कर आता इस अवस्था में कर्कटी बीज के चूर्ण का सेवन जल के साथ करना चाहिए
- बूँद बूँद पेशाव आने पर कर्कटी बीज चूर्ण का सेवन लाभ दायक होता है .
- ये चूर्ण पित शामक और मूत्रवर्धक है .
- पेशाव रुक जाने के कारन मुत्री नली में खिचाव और जलन होने लगती है
- ऐसी दशा में इस चूर्ण से लाभ मिलता है .
- इसके सेवन से पित शांत हो जाता है .
- कबज और पखाना करते समय अगर जोर लगे तो इसका सेवन बहुत फायदेमंद रहता है
हम आपकी health की कामना करते हैं साथ ही यह भी सुझाव देते हैं की उचित चिकित्सक के परामर्श के बिना दवा प्रयोग न करे .वैसे ayurved का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता हैं पर कभी कभी आपका शरीर सभी दवाओ के अनुरूप नहीं होता हैं जिसके फलस्वरूप बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं ,इस लिए कोई भी ओषधि खाने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें .
tips :-
अगर पेशाब में जलन ज्यादा है और पेशाव भी रुक रुक कर आ रहा है और इसके इलावा पेशाव के साथ रेत के बारीक कण निकल रहे तो . सेंधा नमक की जगह यवक्षार और मिश्री संभाग में मिलाकर प्रयोग किया जाना चाहिए इस से गुर्दे में अटके हुए रेत के बारीक कण निकल जाते है
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