( कुंकुमादि चूर्ण ) निसंतान दम्पति के लिए इस चूर्ण का सेवन वरदान से काम नहीं ,कुंकुमादि चूर्ण , हर प्रकार की प्रजनन कमजोरी को दूर करने में इसका कोई जवाब नहीं स्त्री और पुरुष दोनों के लिए लाभकारी स्नायु दौर्वल्य नर्वस सिस्टम की कजोरी को ठीक करने में भी इसका प्रयोग किया जाता है .
इसके इलावा इस चूर्ण का प्रयोग किन किन व्याधिओं में किया जाता है इन सबका वर्णन निचे लिखा है, कृपया एकाग्रचित होकर पढें .
किन किन आयुर्वेदिक औषधिओं के मिश्रण से कुंकुमादि चूर्ण बनाया जाता है
केसर - 10 ग्राम
कस्तूरी - 10 ग्राम
नागरमोथा - 10 ग्राम
दालचीनी - 10 ग्राम
इलाची - 10 ग्राम
त्रिफला - 10 ग्राम
अकरकरा - 10 ग्राम
धनिया - 10 ग्राम
अनारदाना - 10 ग्राम
काली मिर्च - 10 ग्राम
पीपल - 10 ग्राम
अजवाइन - 10 ग्राम
तींतड़ाक - 10 ग्राम
हींग - 10 ग्राम
कपूर - 10 ग्राम
नेपाली धनिया - 10 ग्राम
तगर - 10 ग्राम
सुगन्धबाला - 10 ग्राम
लॉन्ग - 10 ग्राम
जावित्री - 10 ग्राम
मंजीठ - 10 ग्राम
पुष्करमूल - 10 ग्राम
प्रियंगु - 10 ग्राम
कमलगट्टा - 10 ग्राम
बंशलोचन - 10 ग्राम
कपूरकचरी - 10 ग्राम
तालीसपत्र - 10 ग्राम
चिटा - 10 ग्राम
जटामांसी - 10 ग्राम
जायफल - 10 ग्राम
खस - 10 ग्राम
खरेटी - 10 ग्राम
नागबला - 10 ग्राम
कूठ - 10 ग्राम
पीपलामूल - 10 ग्राम
अभ्रक - 10 ग्राम
रोप्यमाक्षिक भसम - 10 ग्राम
स्वर्णमाक्षिक भसम - 10 ग्राम
सभी सामग्रीओं को बारीक पीस कर चूर्ण बनावें , उसके बाद केसर कस्तूरी और भस्मो को खरल में अच्छी तरह घोंट लें .इसके बाद सभी आपस में मिलाएं और सभी समाग्री के बराबर मिश्री का बारीक पिसा हुआ पाउडर मिलाकर सुरक्षित रख लें .
सेवन विधि :-
2 से 3 ग्राम सुबहा शाम गाए के दूध के साथ या जल के साथ सेवन करें .
कुंकुमादि चूरन के फायदे :-
साबधानी : -
गर्मिओ के मौसम में इस चूर्ण का प्रयोग न करें .
गर्भवती महिलाओं को इस चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहिए .
बजुर्ग और ज्यादा उम्र के व्यक्ति डॉक्टर के परामर्श से इसका सेवन कर सकते है .
मधुमेह के रोगी कुनमुमादि चूर्ण का सेवन न करें तो अच्छा है .
16 साल से काम उम्र के बच्चों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए ..
tips
मित्रो इस पेज में बताये गए कुंकुमादि चूर्ण के लाभ और हानी के जिम्मेदार आप खुद होंगे , किसी भी दवा का सेवन करने से पहले किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह जरूर लें .
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