अश्वगंधारिष्ट के फायदे - ashwgandha risht fayede ke hindi me ashwagandharisht दुबले पतले लोगो को अश्वगंधारिष्ट का सेवन .अश्वगंधारिष्ट को पीने से पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी नपुंसकता और स्नायु दौर्वल्य में काफी फायदा मिलता है , आज के समय में अधिक दिमागी काम करने वालों को अश्वगंधारिष्ट का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए , इससे दिमागी थकावट दूर होकर मानसिक चुस्ती और फुर्ती महसूस की जा सकती है .
इसके सेवन से दिल की दुर्बलता , दिमाग की कमजोरी नस नदिओं की कमजोरी लम्बी बीमारी के बाद आयी कमजोरी को दूर किया जाता है .स्वपनदोष , सम्भोग की इच्छा न होना .आलस शिथिलता आदि रोगो को ठीक करनेमे मदद मिलती है .
अश्वगंधारिष्ट बनाने में किन किन औषधिओं का प्रयोग किया जाता है
आयुर्वेद में किसी एक दवा को बनाने के लिए बहुत सारी भिनभिन दवाईओ का प्रयोग किया जाता है .अश्वगंधारिष्ट को बनाने के लिए जिन दवाईओ और जादिओं का प्रयोग किया जाता है वो इस प्रकार है .
- अश्वगंधा 2 किलो
- सफ़ेद मूसली 800 ग्राम
- हर्र 500 ग्राम
- हल्दी 400 ग्राम
- मंजीठ 400 ग्राम
- दारू हल्दी 400 ग्राम
- मुल्थी 400 ग्राम
- रासना 400 ग्राम
- बिदारीकंद 500 ग्राम
- अर्जुन छाल 500 ग्राम
- नागरमोथा 500 ग्राम
- नोशोध 500 ग्राम
- अन्नतमूल 200 ग्राम
- श्यामलता 2000 ग्राम
- काली मिर्च 350 ग्राम
- सफ़ेद मिर्च 350 ग्राम
- असली शहद 15 किलो
- धय के फूल 600 ग्राम
- सोंठ 80 ग्राम
- पीपल 80 ग्राम
- दाल चीनी 80 ग्राम
- बड़ी इलाची 80 ग्राम
- तेजपत्ता 160 ग्राम
- फूल प्रियंगु 160 ग्राम
- नागकेसर 80 ग्राम
ये सभी औषधीय अश्वगंधारिष्ट बनाने में प्रयोग की जाती है , हर औषधि का अपना अपना अलग अलग गुण होता है , जब इतनी सारी दवाईयां एक साथ मिलकर कर उनसे अरिष्ट बनाया जाता है तो उसके चमत्कारी लाभ देखने को मिलते है .सभी प्रकार के अरिष्ट और आसव बनाने की विधि एक समान होती है ,आसव या अरिष्ट कैसे बनाये जाते है इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे वेबसाइट को सर्च कर सकते है . यहाँ आपको आसव और अरिष्ट बनाने की सम्पूर्ण जानकारी विसदी सहित मिल जाएगी .
अश्वगंधारिष्ट के फायदे ashwagandha rist ke fayede in hindi
परुषों की नपुंसकता में लाभकारी
पुरुषों की नपुंसकता का मुख्य कारण मानसिक परेशानी और नस नाड़िओं की दुर्बलता होता है , अश्वगंधा इन सबको ठीक कर करके पुरुषों के बांझपन शुक्राणुओं कीकमी को दूर कर के बल और वीर्य की वृद्धि करता है .इसके इलावा शीघ्रपतन और सवपनदोष को ठीक करने में भी अश्गंधारिश के बहुत फायदे देखे गएँ है .
स्त्रिओं के हिस्टीरिआ रोग में
कामेच्छा की पूर्ति न होने के कारण बहुत सी लड़कीओ या महिलाओं को हिस्टीरिअ रोग से ग्रसित होते देखा गया है .इसमें महिलाये अनाप शनाप बकने लगती है .कई बार बेहोश भी हो जाती है .इसके लगातार सेवन से दिमाग की नसों में तनाव और उत्तेजना कम होता है और धीरे धीरे हिस्टीरिआ रोग ठीक हो जाता है .प्रसूति ( delivery) के बाद की कमजोरी को दूर करणमे में भी अश्वगंधारिश्त के बहुत फायदे देखे गए हैं .इससे महिलाओंके शरीर में पाष्टिक तत्त्वों की कमी दूर हो जाती है .शरीर में नवीन रक्त और नव ऊर्जा का संचार होने लगता है. महिलाएं पहले की तरह खुद को हल्का और स्वस्थ महसूस करती है .
दिमागी कमजोरी में लाभकारी
आजकल ऑनलाइन जॉब करने वालो को अक्सर दिमागी कमजोरी और दिमागी थकावट का सामना करना पड़ता है .इसमें मरीज खुद को डिप्रेशन का रोगी समझने लगता है .दिमागी काम करने वालो को इसका सेवन तो लगातार करना चाहिए . ये दिमाग की स्नायु तंत्र में एक तरह की नवीन स्फूर्ति पैदा करना है .दिमाग को तारो तजा बना देता है .
मानसिक तनाव अवसाद और चिंता में लाभकारी
दिमाग की नसों में दुर्वलता आ जाने से रोगी मानसिक रोगी बन जाता है .जिसके मुख लक्षण डिप्रेशन , तनाव , और चिंता बानी रहती है . इसके सेवन से यादाश्त की कमी , चित भ्रम अर्थात चलते चलते भूल जाना या कोई कोई काम करते करते भूल जाना . किसी काम में एकाग्रता का अभाव होना ,दिमाग की विकृति , दिमाग की कमजोरी और दिमाग को पुष्ट करने केलिए इस दवा से बढ़कर कोई दवा नहीं है .
दुबले पतले और कमजोर रोगी के लिए
शरीर का बजन बढ़ाने के लिए , दुबलापन दूर करने के लिए अश्वगंधारिष्ट का सेवन करना उचित है .इसमें प्राकृतिक स्टेरॉयड होता है जो शरीर का बजन बढ़ाने में लाभकारी होता है .
बुढ़ापे की शिथिलता
आकर देखा गया है की उम्र दर्ज लोगो में को उठने बैठने में बहुत परेशानी होती है .उन्हें अपने हाथ पाऊँ उठाने में भी बहुत मुश्किल का समना करना पड़ता है .अश्वगंधा रिश्त के सेवन से शिथिलता आदि रोग दूर हो जाते है .और शरीर हल्का और तरोताजा महसूस होता है .
दिल की तेज धड़कन कमजोरी में
जिन रोगिओं को मानसिक परेशनी होती है वो बहुत जल्दी घबरा भी जाते है , उनके दिल की धड़कना तेज गति से चलने लगती है .थोड़ा सा ऊँचा बोलने पर या कही किसी की लड़ाई झगड़ा देखने मात्र से उनके दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है या कोई अप्रिय घटना की सूचना मिलते ही उनके दिल की धड़कन तेज हो जाती है .उन्हें बेचैनी महसूस होने लगती है . इस स्थिति में अश्गंधारिष्ट का सेवन उचित मात्रा में करवाया जाना चाहिए . कुछ महीनो में लगातार सेवन से इस रोग से छुटकारा मिल जाता है .
अश्वगंधारिष्ट के सेवन की विधि
15ml अश्वगंधारिष्ट को 20ml पानी में मिलाकर सुबहा भोजन से एक घंटा बाद सेवन करना चाहिए .शाम को भोजन खाने से दो घंटा पहले इसी विधि से सेवन करना चाहिए .
आवश्कत सुचना
किसी भी प्रकार की औषधि का सेवन करने से पहले किसी अच्छे से डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए . कोई मरीज किसी दवा की कितनी मात्रा पचा सकता है ,उसकी रोगप्रतिरोधक क्षमता कितनी है .इन सब बातों की जानकारी आपको डॉटर से प्राप्त कर लेनी चाहिए उसके बाद ही दवा का सेवन शुरू करना चाहिए .
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