कुमारीआसव😱 कुमार्यासव की पूरी जानकारी हिंदी में ,कुमार्यासव आयुर्वेदिक जड़ी बूटिओं से बनी एक हर्बल हेल्थ टॉनिक है . कुमार्यासव किन रोगों में फायदेमंद है ,कुमारीआसव प्रयोग और सेवन विधि , घटक द्रव्य ( kuaryasav ingredients ) कौन से हैं .
- पेट में वायु का रुकना जिस कारन पेट में दर्द होना में इसका प्रयोग किया जाता है
- महिलाओं में दर्द के साथ मासिक धर्म आना , कम यां अधिक मासिक धर्म आना ठीक हो जाता है .
- इसके सेवन से हसरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास होता है .
- किसी भी औषधि के साथ इसका सेवन किया जाये तो उस रोग में जल्दी से सुधार होता देखा गया है .
- कुमारित्व के सेवन से बहुत शरीर में बल की वृद्धि होती है
- इसका प्रयोग से शरीर के भीतर के सभी घावों को ठीक किया जा सकता है
- कुमार्यासव यकृत को बल प्रदान करता है .
- इसके सेवन से जठरागिनी प्रदीप्त होकर भोजन जल्दी जल्दी हजम होने लगता है .
- खांसी स्वास जुकाम दमा आदि रोगो से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है .
- पुरुषों के अल्प शुक्राणुओं की समस्या को ख़तम कर वीर्य को पुष्ट करता है .
- मिर्गी जैसे गंभीर रोग भी इसके सेवन से ठीक हो सकते है .
- शरीर के किसी भी अंग की सूजन को काम करता है .
- मूत्राशय सम्बन्धी सभी विकारों को दूर करने में सहायक है .
- कमजोरी के कारण अगर स्मृति कम हो गयी है ,तो इसके सेवन से स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है
- लिवर का बढ़ना और स्प्लीन का बढ़ना और उनकी सूजन को कम करता है .
- बड़े हुए लिवर को सामन्य करता है .
- फैटी लिवर में फैट को कम कर के स्वस्थ बनता है .
- जो महिलाएं गर्भ धारण करने में असमर्थ है उन्हें इसका सेवन बहुत दिनों तक करना चाहिए .
- महिलाओं के गर्भाशय की दुर्बलता दूर होती है और वो गर्भ धारण करने में समर्थ हो जाती हैं .
- अम्लपित्त रक्तपित अदि रोगों में लाभदायक है
- शरीर में लाल रक्त कणो की वृद्धि कर के शरीर को कांतिमान बना देता है .
- कुमार्यासव भूख बढ़ाने वाला और पौष्टिक है .
- पुराने से पुराने पेचिस रोग कुमार्यासव के सेवन से ठीक हो जाते हैं.
- इसके सेवन से पेशाव खुल कर आने लगता है .
- गुर्दे की पत्थरी में इसका सेवन करने से लाभ मिलता है .
- हल्का हल्का बुखार रहना इसके सेवन से ठीक हो जाता है.
- मासिक धर्म का न होना , कम होना कुमार्यासव से ठीक हो जाते हैं .
- गर्भाशय और मासिक धर्म के सभी दोष इसके सेवन से ठीक हो जाते हैं .
- इसमें त्रिफला जैसी औषधि है इसलिए ये कब्ज का नाश करती है .
- इसके सेवन से पेट और शरीर के किसी भाग भाग में जमा जल निकाल जाता है
कुमार्यासव kumarayasav benefits in hindi
कुमार्यासव एक ऐसी हर्बल टॉनिक है जिसे प्रत्येक रोग के निवारण के लिए प्रयोग किया जा सकता है .खांसी ,जुकाम, दमा , अमृतिनाश ,अश्मरी पत्थरी ,अम्लपित्त ,पेट में वायु भरकर न निकला ,माहवारी की अनियमितता ,पेशाव में जलन ,गर्भाशय के दोष , पीलिया ,वात रोग ,मिर्गी ,कमजोरी आदि रोगों में कुमार्यासव लाभकारी सिद्ध होता है .
आमाशय में सुधार करे
कुमारीआसव बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी सेवन कर सकते हैं .पेट के हर एक विकार के लिए कुमार्यासव लाभकारी है ,कुँआरीआसव में एलोवेरा की प्रधानता और लोह चूर्ण हरड़ आदि औषधियां होने से कब्ज का नाश करता है, कुमार्यासव के सेवन से आमाशय स्वस्थ होता है पाचन क्रिया में सुधार होता है ,इसके सेवन से भूख में वृद्धि होती है .
पेट की वायु में
इस्सके सेवन से पेट की अग्नि प्रदीप्त होती है , जिससे पेट की गैस रुकना ,शूल रोग , खायी हुयी जिजे हजम होकर स्वस्थ में सुधार होता है .
लिवर को स्वस्थ करे
कमजोर लिवर में फैट इकठा होने लगता है जिससे फैटी लिवर जैसी समस्या होना , लिवर की वृद्धि होने से पित्ताशय से पित का स्त्राव कम होने लगता है . इस अवस्था में कुँआरीआसव का सेवन करना चाहिए .
पाण्डु रोग और शोध रोगों में उपयोगी
कुमरयासव में पुनर्नवा और लोह का मिश्रण होने से शरीर में लाल रक्त कणो की वृद्धि करता है , शरीर से सूजन कम करता है , पाण्डु रोग अर्थात शरीर का पीलापन ख़तम होजाता है .शरीर से फालतू पानी को निकलता है जिससे जलोदर लिवर में पानी भरना जैसे गंभीर रोग भी ठीक होना शुरू होजाते हैं .
कुमार्यासव घटक kumaryasav ingredient
- घीकुमारी का रस 1 .900 ग्राम
- गुड़ 4 .700 ग्राम
- लोह चूर्ण 2 .800 ग्राम
- सोंठ मिर्च 30 ग्राम
- पीपल 30 ग्राम
- लोंग 30 ग्राम
- दालचीनी 30 ग्राम
- तेजपत्र 30 ग्राम
- बड़ी इलाची 30 ग्राम
- नागकेसर 30 ग्राम
- चित्रक 30 ग्राम
- पीपलामूल 30 ग्राम
- वायविडंग 30 ग्राम
- गजपीपल 30 ग्राम
- चव्य 30 ग्राम
- हौवेर 30 ग्राम
- धनिया 30 ग्राम
- कुटकी 30 ग्राम
- सुपारी 30 ग्राम
- नागरमोथा 30 ग्राम
- हरड़ 30 ग्राम
- आमला 30 ग्राम
- बहेड़ा 30 ग्राम
- रासना 30 ग्राम
- हल्दी 30 ग्राम
- दारुहल्दी 30 ग्राम
- मूर्वामूल 30 ग्राम
- मुनक्का 30 ग्राम
- दंतिमूल 30 ग्राम
- पुष्करमूल 30 ग्राम
- बला 30 ग्राम
- अतिबला 30 ग्राम
- कोंच के बीज 30 ग्राम
- 'गोखरू 30 ग्राम
- सोंफ 30 ग्राम
- हिंगपात्री 30 ग्राम
- अकरकरा 30 ग्राम
- उटगन बीज 30 ग्राम
- श्वेत पुनर्नवा 30 ग्राम
- लाल पुनर्नवा 30 ग्राम
- लोध 30 ग्राम
- स्वर्णमाक्षिक भस्म 30 ग्राम
- धय के फूल 320 ग्राम
कुमार्यासव सेवन विधि kumaryasav sevan vidhi
- 10 ml से 20 मल
- सुबहा शाम दिन मे दोबार
- बराबर जल मिलकर
- भोजन के बाद सेवन करें
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